ग्रेटर नोएडा कुणाल हत्याकांड : पुलिस ने नाकामी का दाग हटाने के लिए SHO किया लाइन हाजिर और एसीपी तलब, बड़े अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं?

पुलिस ने नाकामी का दाग हटाने के लिए SHO किया लाइन हाजिर और एसीपी तलब, बड़े अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं?

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा कुणाल हत्याकांड

Greater Noida News : नोएडा पुलिस कमिश्नरेट ने नाकामी का दाग हटाने के लिए पहली चाल चल दी है। पुलिस कमिश्नरेट ने बीटा-2 थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। इसके अलावा एसीपी को तलब किया गया है। एसीपी सुशील गंगा प्रसाद से पूछा गया है कि आप इस सनसनीखेज वायदात में क्या कर रहे थे और आपने अभी तक क्या कार्रवाई की है? बताया जा रहा है कि इस मामले में एसीपी सुशील गंगा प्रसाद पर भी गाज गिर सकती है।

बड़े अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं?
इस मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने बीटा-दो के थाना प्रभारी मुनिंदर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। जबकि एसीपी सुशील गंगा प्रसाद को तलब किया गया। अब सवाल खड़ा होता है कि क्या इस मामले में एडिशनल डीसीपी और डीसीपी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। अगर किसी का अपहरण के बाद उसकी हत्या हो जाती है तो उच्च अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती या फिर उनको बचाना बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति 
परिजनों का कहना है कि इस केस में कदम-कदम पर लापरवाही बरती है। घटना के बाद परिजनों में काफी गुस्सा है। परिजनों का आरोप है कि घटना के करीब 20 दिन पहले व्यापारी कृष्ण कुमार पर भी बदमाशों ने फायरिंग की थी, लेकिन शिकायत के बाद भी पुलिस ने जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस घटना की सही से जांच नहीं की। इसके बाद व्यापारी के बेटे कुणाल का अपहरण कर हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि नोएडा पुलिस लापरवाही बरती है।

कब हुआ था अपहरण और मर्डर
बीटा-दो कोतवाली क्षेत्र में स्थित ऐच्छर सीएनजी पंप के पास से एक व्यापारी के 15 साल के बेटे कुणाल का बुधवार (1 मई 2024) दोपहर 2:45 बजे अपहरण हुआ था। दिनदहाड़े व्यापारी के बेटे का अपहरण हो गया और पुलिस को पता तक नहीं चला। व्यापारी के परिजनों ने अनहोनी की आशंका जाहिर की थी, फिर भी जिले के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी मजे से सोते रहे और इसका अंजाम अब परिजनों को भुगतना पड़ा है। अपहरण के पांच दिन बाद बच्चे की लाश बुलंदशहर में मिली। पुलिस दावा रहती है कि उनके पास बेहतर सुरक्षा व्यवस्था है और तमाम सीसीटीवी फुटेज लगे हुए हैं। उसके बावजूद भी बच्चे का अपहरण होने के बाद हत्या कर दी गई और पुलिस एक दाने तक की जांच नहीं कर पाई।

आरोपियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम
अपहरण की पूरी घटना एक सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जहां पर गाड़ी रुकी, वहां से कुछ दूरी पर एक दिव्यांग व्यक्ति पहले से खड़ा हुआ है। गाड़ी से उतरकर एक लड़की रेस्टोरेंट तक गई। वहां पर लड़की ने पनीर और रोटी का ऑर्डर दिया। उसके बाद अन्य ऑर्डर के लिए कुणाल को अपने साथ गाड़ी की तरफ लेकर चली गई। गाड़ी में एक तरफ दिव्यांग व्यक्ति और दूसरी तरफ लड़की ने कुणाल को कवर कर लिया। बीच में कुणाल को बैठाकर गाड़ी तेजी के साथ ले गए और इस तरीके से उसका अपहरण हो गया था। अपहरण के 5 दिन बाद लाश बुलंदशहर में मिली।

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