न्यूज़ डेस्क: सियासत के गलियारों में उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. बीजेपी जहां सूबे की सत्ता पर बने रहने के लिए जोर लगा रही है तो वहीं अन्य पार्टियां बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए हर कोशिश कर रही हैं. यूपी का मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है. यहां मां और बेटी में एक दुसरे के आमने सामने खड़ी हैं. हम बात कर रहे हैं अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल की. इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बीजेपी के साथ हैं तो वहीं अखिलेश यादव ने उनकी मां कृष्णा पटेल को अपने साथ कर लिया है.
दरअसल बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) के साथ हाथ मिला रखा है, वहीं समाजवादी चीफ अखिलेश यादव ने अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल की अपना दल से गठबंधन किया है. अब यूपी के चुनावी रण में मां-बेटी आमने सामने आ गई हैं. ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा कि मां-बेटी में कौन किस पर भारी पड़ता है.
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल ने 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ करार किया है. कृष्णा पटेल अपना दल (कामेरावाड़ी) की अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी बेटी अपना दल (एस) की प्रमुख हैं.
अनुप्रिया पटेल ने सितंबर में अपनी मां को दोनों गुटों को एकजुट करने का प्रस्ताव भेजा था. हालांकि, कृष्णा पटेल ने अपने दामाद और अपना दल (एस) के लिए काम करने वाले आशीष पटेल पर उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए इसके लिए इनकार कर दिया.
अनुप्रिया पटेल के अपना दल (एस) का बीजेपी के साथ गठबंधन है. बीजेपी के साथ मिलकर अनुप्रिया 2014-2019 के लोकसभा और 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. अब अनुप्रिया 2022 के चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
कुर्मी वोटर्स पर नजर
बता दें अपना दल का गठन डॉ. सोनेलाल पटेल ने किया था. वे कुर्मी समाज से आते थे. ऐसे में इस पार्टी के वोटर्स कुर्मी हैं. सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल के हाथ में पार्टी की बागडोर है. मोदी लहर के बाद उनकी बेटी अनुप्रिया बीजेपी की ओर चली गई. अब अपना दल के दो हिस्सों में बंटने के बाद एक की कमान कृष्णा पटेल के हाथों में है तो वहीं अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) नाम से दूसरी पार्टी का नेतृत्व लार रही हैं.
अनुप्रिया पटेल की कुर्मी वोटर्स पर अच्छी पकड़ है. अनुप्रिया पटेल के गुट को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दो सीटें मिली और दोनों ही सीटें जीतने में सफल रही. अब देखना यह होगा क्या इस बार भी अनुप्रिया पटेल कुछ कमाल कर पाती हैं या उनकी मां बाजी मारने में सफल रहती हैं.