न्यूज़ डेस्क: चीन की विदेश नीति मामलों के एक शीर्ष सलाहकार ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को सावधान किया है कि सोवियत संघ की तरह ही चीन का भी पतन हो सकता है। पूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर भारी भरकम सैन्य खर्च की कीमत चुकानी पड़ सकती है।
चीन के शीर्ष राजनीतिक परामर्श निकाय ‘चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन’ (सीपीपीसीसी) के सदस्य जिया किंग्गुओ ने सोवियत संघ के पतन का हवाला देते हुए कहा कि लंबी अवधि की सुरक्षा के बजाय सैन्य विस्तार करने के नुकसान का सबूत सामने है।
आधिकारिक तौर पर सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक संघ या सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित यूएसएसआर के रूप में जाने जाने वाले सोवियत संघ के पतन को देशभर के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शीर्ष स्कूलों में प्रमुख पाठ के तौर पर पढ़ाया जाता है ताकि उन फैसलों को टाला जा सके जो उसके पतन का कारण बने थे।
चीन के कई नेताओं ने भी अक्सर पूर्ववर्ती यूएसएसआर का संदर्भ दिया है और सीपीसी को उसके ऐतिहासिक अनुभव से सबक लेने को कहा है। वर्ष 2012 में सत्ता संभालने के महीनों बाद, राष्ट्रपति शी ने खुद कहा था कि पार्टी का अनुशासन टूटने से तत्कालीन यूएसएसआर की दो करोड़ सदस्यों वाली मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी का पतन हुआ।
शी ने कहा कि अगर पार्टी के सदस्य जो चाहते हैं वही कहेंगे और करेंगे तो पार्टी एक भीड़ में तब्दील हो जाएगी। हांगकांग से संचालित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने रविवार को एक खबर में बताया कि बीजिंग विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध स्कूल के पूर्व डीन भी रह चुके जिया ने कहा कि सुरक्षा की निरंकुश खोज से लागत में भारी वृद्धि होगी और लाभ काफी हद तक कम हो जाएंगे।
सीपीपीसीसी की स्थायी समिति के सदस्य जिया ने द्विमासिक ‘जर्नल ऑफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज’ के नए संस्करण में कहा कि सुरक्षा की तुलनात्मक प्रकृति की उपेक्षा करना, और आंख बंद करके (इसे) पूरी तरह से आगे बढ़ाना देश को कम सुरक्षित बनाने के समान होगा, क्योंकि इसमें असीम लागत आती है और यह पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहता है।’