न्यूज़ डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के नक्शेकदम पर चलते हुए तृणमूल कांग्रेस में बड़ा बदलाव किया है। ये बदलाव एक व्यक्ति-एक पद का है। कई बड़े नामों से ममता ने जिम्मेदारियां छीन ली हैं। ममता ने पार्टी में ये बदलाव 2023 में होने जा रहे पंचायत चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण लिया है। ममता बनर्जी ने कई मंत्रियों से जिलाध्यक्ष का पद छीन लिया है। इनमें टीएमसी सांस महुआ मोइत्रा का नाम भी है। वह नदिया जिले की जिलाध्यक्ष थीं। वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, सहकारिता मंत्री अरुप राय और एक और मंत्री पुलक राय के साथ सिंचाई मंत्री सुमन महापात्र को भी जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पार्टी संगठन में ये बदलाव करने का सुझाव चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ममता को दिया था। जुलाई में ममता और पीके की मुलाकात हुई थी। अब फैसला हुआ है कि बड़े जिलों में संगठन को छोटे हिस्सों में बांटा जाए।दरअसल, बीते दिनों ममता की पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा की 292 में से 213 सीटें तो जीतीं, लेकिन कई जगह टीएमसी को काफी कम वोट मिले। इसे देखते हुए ममता ने प्रशांत किशोर से 2023 और 2024 के चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा की और इस बदलाव को लागू किया।
ममता ने 23 जिलों में 35 संगठन बनाए हैं। उत्तर 24 परगना जिले में टीएमसी को 4 हिस्सों में बांटा गया है। पूर्वी मिदनापुर में अब एक की जगह तमलुक और कोंताई में टीएमसी की समितियां होंगी। बता दें कि पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम से ही ममता बनर्जी, बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं। खास बात ये है कि ममता ने जिस तरह संगठन का नया रूप खड़ा किया है, ठीक वैसा ही बंगाल के जिलों में बीजेपी का है। उदाहरण के तौर पर बीजेपी ने उत्तर 24 परगना में संगठन को 4 हिस्सों में बांट रखा है। ऐसा ही ममता ने भी किया है।