न्यूज़ डेस्क: 19 नवंबर को गुरु नानक देव की जंयती गुरु पर्व के मद्देनज़र भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का फैसला किया है। मार्च 2020 में कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान ने अपनी तरफ से पहले ही कॉरिडोर खोल दिया था। सिख समाज की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर कई नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने 19 नवंबर से पहले करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की मांग रखी थी। करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का फैसला लिए जाने की जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए दी है।
अमित शाह ने ट्वीट करके 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के फैसले की जानकारी दी है। ट्वीट कर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी का यह फैसला श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है। भारत से लगी सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह लाहौर से 120 किमी दूर स्थित है।
आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि सिख संगत की भावनाओं का सम्मान करते हुए 19 नवंबर से पहले करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया जाए। पंजाब भाजपा के नेताओं के एक दल ने भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस मांग पर अमल करने की बात की थी। आपको बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत बुधवार से होगी. 18 नवंबर 250 तीर्थयात्रियों का जत्था करतारपुर गुरुद्वारे में जा सकता है।
वहीं अब केंद्र सरकार के इस फैसले पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कैप्टन ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी का तहे दिल से आभार, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर खोलने के लिए। यह हजारों भक्तों को गुरु नानक देव जी के गुरु पर्व के अवसर पर पवित्र मंदिर में पूजा करने का अवसर प्रदान करेगा।
पूर्व बीजेपी नेता और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि स्वागत योग्य कदम…. अनंत संभावनाओं के गलियारे का फिर से खुलना…नानक नाम लेवों के लिए अमूल्य उपहार…महान गुरु का गलियारा सभी पर आशीर्वाद बरसाने के लिए सदा खुला रहे…. सरबत दा भला।