न्यूज़ डेस्क: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यहां एक अदालत में कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों को कथित तौर पर आपराधिक बल प्रयोग करने के वास्ते उकसाने का कोई संज्ञेय अपराध का मामला नहीं बनता, क्योंकि घटना चंडीगढ़ में हुई थी।
पुलिस ने अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता को सौंपी अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि खट्टर द्वारा भड़काऊ बयान देने का कथित वीडियो चंडीगढ़ में बनाया गया था और जो दिल्ली के अधिकारक्षेत्र में नहीं आता। पुलिस ने रिपोर्ट में कहा, ‘शिकायत की सामग्री और उसके साथ संलग्न वीडियो से कोई संज्ञेय अपराध का मामला नहीं बनता। शिकायत के अनुसार, कथित वीडियो चंडीगढ़ में बनाया गया था, जो दिल्ली के अधिकारक्षेत्र में नहीं आता।’’
अदालत ने तीन अक्टूबर को आंदोलनरत किसानों के विरुद्ध आपराधिक बल प्रयोग करने के लिए कथित तौर पर उकसाने के वास्ते खट्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर पुलिस को स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।
अदालत, वकील अमित साहनी की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि साहनी द्वारा 22 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराने के बावजूद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और मामले को 21 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।