न्यूज़ डेस्क: पुराने गोवा के विरासत क्षेत्र में एक बंगले का निर्माण शनिवार को राजनीतिक खींचतान का केंद्र बन गया। ‘सेव गोवा एक्शन कमेटी ने जहां एक ओर फैसले के खिलाफ अनिश्चितकालीन सत्याग्रह की शुरूआत की वहीं, दूसरी ओर गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने माफी की मांग की जबकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद के शीतकालीन सत्र में उठाएगी।
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने कहा कि भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित क्षेत्र में यह अवैध निर्माण है और वह इस मुद्दे को आगामी संसद सत्र में उठाएंगी। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे समूहों से भी शुक्रवार को मुलाकात की थी। महुआ ने आरोप लगाया कि यह जमीन मुंबई के एक भाजपा नेता के पति ने खरीदी है।
दिन में जीएफपी विधायक विजय सरदेसाई ने राज्य के नगर योजना मंत्री चंद्रकांत केवलेकर को पत्र लिखकर तीन दिसंबर तक निर्माण की दी गई अनुमति रद्द करने और इस पूरे घटनाक्रम के पीछे के तथ्यों को सामने लाने की मांग की। केवलेकर ने शुक्रवार को कहा था कि निर्माण को लेकर जांच के आदेश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ‘‘यह मंजूरी मेरे कार्यकाल में नहीं बल्कि बहुत पहले दी गई थी।’’
केवलेकर ने कहा, ‘‘मैंने विरासत क्षेत्र में बंगले के निर्माण के लिए दी गई मंजूरी को वापस लेने का आदेश दिया है।’’ गौरतलब है कि कई लोग, पादरी और गैर सरकारी संगठनों ने पुराने गोवा के सेंट कैटेजन चर्च के पास बंगले के निर्माण का हाल में विरोध किया था।