न्यूज़ डेस्क: हाल ही में अलग-अलग स्थानों पर सिर तन से जुदा जैसे नारे और जिहादी हिंसा एवं हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर विश्व हिंदू परिषद की प्रांतीय मार्गदर्शक बैठक में चिंता जताई गई। साथ ही इस तरह की हरकतों का सामना करने के लिए जनजागरण अभियान चलाकर विशेषरूप से हिंदुओं को एकजुट करने और विशेष धर्म की हरकतों पर तुरंत जानकारी देने पर सहमति जताई गई। इसके साथ ही सनातनी संस्कृति को समाज में आध्यात्मिक एवं पौरुष शक्ति के साथ विस्तार देने का संकल्प भी लिया गया।
बैठक में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, स्वामी राघवानंद, महंत नवल किशोर दास, महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत,मुनि तपस्वी आर्य, साध्वी विद्यागिरी, साध्वी विभानंद गिरी, साध्वी छाया, स्वामी वत्सल और स्वामी केशव मुरारी, स्वामी विवेक मुनि, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र एवं दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दीप प्रज्वलन कर बैठक की शुरुआत की।
प्रेसवार्ता में बैठक को लेकर दी गई जानकारी में बताया गया कि जिहादी हिंसा व हिन्दुओं के विरुद्ध लगातार हमलों की भर्त्सना की गई।
विहिप के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि संतों के समक्ष विश्व हिंदू परिषद के कामों का विवरण भी रखा गया। संतो ने एक स्वर से कहा अपने बच्चों को संस्कार दें, उन्हें अपने इतिहास की जानकारी दें, ताकि भारत को विश्व गुरु बनाने का कार्य शीघ्र संपन्न हो। इसके लिए परिवार में सनातनी संस्कृति के विस्तार पर जोर दिया गया।
वीएचपी ने बिहार के स्कूलों में जुमे की छुट्टी पर जताया ऐतराज
बिहार के कई स्कूलों में जुमे की छुट्टी पर वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जुमे की छुट्टी की आड़ में बिहार में शरिया लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के कई स्कूलों में जुमे की छुट्टी की जा रही है।
कई हिंदूवादी संगठन बिहार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। बंसल ने कहा कि बिहार सरकार तुरंत इस तरह के अधिसूचना को वापस ले और देश को संविधान के मुताबिक चलने दे। क्योंकि इस देश में संविधान चलेगा, शरिया कानून नहीं। उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो हिंदू समाज सबक सिखाना जानता है और चुप नहीं बैठेगा।