न्यूज़ डेस्क: पंजाब चुनाव से पहले दुष्कर्म और हत्या के मामलों में फरलो पर बाहर आए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को Z+ सिक्योरिटी दी गई है. हरियाणा सरकार ने खालिस्तानियों से जान का खतरा बताते हुए राम रहीम की सुरक्षा बढ़ा दी है।
सरकार ने एडीजीपी (CID) की रिपोर्ट को सुरक्षा का आधार बनाया है. सरकार ने कहा कि खालिस्तान के समर्थक डेरा प्रमुख राम रहीम को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जा रही है. दुष्कर्म और हत्या के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे रामरहीम को फरलों के मामले पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. राम रहीम को हरियाणा सरकार की ओर से 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो पर छोड़ा गया है.
डेरा प्रमुख की 3 सप्ताह की पैरोल को आगामी 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है. सिरसा स्थित संप्रदाय के नेता का राज्य की कई विधानसभा सीटों पर बड़ा प्रभाव है. इससे पहले पिछले साल मई में उन्हें अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी.
सिरसा स्थित डेरा प्रमुख को पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या और दो महिलाओं से बलात्कार मामले में दोषी पाया गया है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.गुरमीत राम रहीम सिंह को 25 अगस्त, 2017 को दो महिला “शिष्यों” से बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था. उन्हें दोनों मामलों में दोषी ठहराया गया और प्रत्येक मामले में 10 साल की कैद (कुल 20 साल) की सजा सुनाई गई. इसके बाद, उन्हें 11 जनवरी, 2019 को पत्रकार छत्रपति की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था. जिसके बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.