न्यूज़ डेस्क: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वीरवार को कहा कि दिल्ली में 69 फीसदी प्रदूषण बाहर से आ रहा और दिल्ली के लोग सिर्फ 30 फीसदी प्रदूषण पैदा कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली-एनसीआर से जुड़े सभी पर्यावरण मंत्रियों की बैठक बुलाने और दीर्घकालीन स्थायी समाधान के लिए वैज्ञानिक आधार पर संयुक्त एक्शन प्लान बनाकर हर राज्य की जिम्मेदारी तय करने की मांग की।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैनेजमेंट (आईआईटीएम) केंद्र सरकार का संस्थान है, जिसने प्रदूषण के स्रोत को समझने के लिए ‘सफर’ के प्रति घंटे के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। 24 अक्तूबर से आठ नवंबर तक के आंकड़ों के आईआईटीएम के विश्लेषण से पता चलता है कि दिल्ली का 69 प्रतिशत प्रदूषण बाहरी स्रोत और 31 प्रतिशत दिल्ली के आंतरिक स्रोत के कारण है। राय ने कहा कि दिल्ली के लोग प्रदूषण के 70 प्रतिशत के बाहरी स्रोतों को कम नहीं कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में दिखाए गए चार्ट के अनुसार उस दौरान 14 फीसद बायोमॉस बर्निंग का प्रदूषण था। इसके बाद से लगातार पराली की घटनाएं बढ़ी हैं।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी केंद्र सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है कि 4 फीसदी का जो आंकड़ा दिया था, वह पूरे साल का आंकड़ा है। इस समय प्रदूषण में पराली का योगदान करीब 35 से 40 फीसदी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शहर के आंतरिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए धूल विरोधी अभियानों से लेकर रेड लाइट ऑन,गाड़ी ऑफ अभियान जैसे कई कदम उठा रही है। लेकिन इसके लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयास की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियां बेरोकटोक चल रही हैं, जिससे हवा और भी खराब हो रही है। राय ने कहा कि दिल्ली सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति कर रही है, जिसके कारण यहां जनरेटर नहीं चलाए जाते हैं, लेकिन एनसीआर के शहरों में ऐसा नहीं है।