न्यूज़ डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया गया है. शरजील पर 2019 में सीएए-एनआरसी विऱोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने और हिंसा भड़काने का आरोप है. न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया.साथ ही उसे 11 फरवरी से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 फरवरी को तय की गई है.
आपको बता दें कि इमाम ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के लिए निचली अदालत के 22 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है. उनका प्रतिनिधित्व वकील संजय आर हेगड़े कर रहे थे. वहीं, अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कर रहे हैं.
शरजील इमाम की तरफ से ये दलील दी गई है कि हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों को इस मामले में जमानत दे दी गई है लेकिन वह अब भी पिछले 20 महीने से जेल में बंद हैं. वहीं आपको बता दे कि निचली अदालत ने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल सांप्रदायिक शांति और सद्भाव की कीमत पर नहीं किया जा सकता. वहीं, शरजील के खिलाफ ये आरोप है कि 13 दिसंबर, 2019 को इमाम ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था जिसके परिणामस्वरूप दो दिन बाद जामिया नगर इलाके में हिंसा भड़क गई और करीब 3 हजार लोगों की उपद्रवी भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर हमले किए और कई वाहन फूंक दिए थे.
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप साल 2020 में गिरफ्तार किया था. आरोप है कि उसने 2019 में अपने भाषणों में कथित रूप से असम और पूर्वोत्तर के दूसरे हिस्सों को देश से अलग करने की धमकी दी थी. ये कथित भाषण उसने जामिया में13 दिसंबर 2019 और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 दिसंबर 2019 को दिए थे.