न्यूज़ डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के संरक्षित वन्यजीव को अब प्राणि उद्यान का परिवेश रास आने लगा है। अनुकूल वातावरण में वन्यजीवों ने एक वर्ष सात माह में 85 बच्चों को जन्म दिया है। लगभग 180 से अधिक वन्यजीवों का जीवन बचाया भी गया है। वन्यजीवों का जीवन बचाने के जज्बे के चलते चिड़ियाघर प्रदेश में भरोसे का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। इसी वजह से इस नए चिड़ियाघर में लखनऊ व कानपुर के करीबी जिलों से वन्यजीव रेस्क्यू कर भेजे जा रहे हैं।
गोरखपुर प्राणी उद्यान में बजरीगर पक्षी ने अंडे दिए थे, जिनसे छह बच्चे निकले हैं। काकाटिल पक्षी के चार और मस्कवी डक के तीन बच्चे हैं। लव बर्ड के अंडे से दो बच्चे निकले हैं। कांकड़ हिरण और सेही ने एक-एक बच्चे को जन्म दिया है। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना काल में प्राणि उद्यान बंद होने की वजह से वन्यजीवों को शांत माहौल मिला। इस अवधि में कई वन्यजीवों ने बच्चे जने हैं। प्राणि उद्यान के सभी वन्यजीवों की सतर्कता के साथ देखभाल की जा रही है। इसी का नतीजा है कि वन्यजीवों का परिवार बढ़ रहा है। हालांकि, पिछले दिनों में कुछ वन्य जीवों की मौत हो हुई है। एक बंदर सर्पदंश से, जबकि एक कम उम्र के मगरमच्छ और मोर की मौत आपसी संघर्ष में हो गई।
चिड़ियाघर में जन्म लेने वाले वन्यजीव
कछुआ- 13
हिरण- 13
बजरीगर -28
मस्कवी डक- 5
सेही- 3
लवबर्ड- 13
रोजरिंग पैराकीट- 5
मगरमच्छ- 5