न्यूज़ डेस्क: वेटलिफ्टिंग में भारत के जेरेमी लालरिनुंगा ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। भारत की झोली में दूसरा गोल्ड आ चुका है। उनसे पहले महिलाओं में मीराबाई चानू ने गोल्ड जीता था। वेटलिफ्टिंग में भारत का यह पांचवां पदक है। बता दें कि उन्होंने पहले प्रयास में 136 किलो वजन उठाया।
दूसरे प्रयास में जेरेमी ने 140 किलो भार उठाया।तीसरे प्रयास में उन्होंने 143 किलो उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे। इस तरह स्नैच राउंड में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 140 किलो रहा। जेरेमी क्लीन एंड जर्क के तीसरे प्रयास में 165 किग्रा भार उठाना चाह रहे थे, लेकिन वह नाकाम रहे। चोटिल होने के कारण उनका कुल स्कोर 300 रहा।
अपना बेस्ट देने की कोशिश में चोटिल हुए जेरेमी
अपना बेस्ट देने की कोशिश में जेरेमी चोटिल हो गये. उन्होंने क्लीन एंड जर्क में पहले प्रयास में 154 किलोग्राम भार उठाया, फिर दूसरे प्रयास में 160 किलोग्राम भार उठाया. हालांकि तिसरे प्रयास में जब 165 किलोग्राम भार उठाने की कोशिश की तो वो असफल हो गये. उन्हें कमर में चोट आयी, जिसके बाद उन्हें सहारा देकर वापस ले जाया गया.
कौन हैं जेरेमी
जेरेमी लालरिनुंगा का जन्म 26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम के आईजोल में हुआ था. जेरेमी को बचपन से ही खेल का माहौल मिला. उनके पिता लालमैथुआवा भी खिलाड़ी रहे हैं. जेरेमी के पिता एक पूर्व मुक्केबाज हैं.
पिता बनाना चाहते थे मुक्केबाज, वेटलिफ्टिंग में जेरेमी ने रचा इतिहास
जेरेमी लालरिनुंगा के पिता उन्हें मुक्केबाज बनाना चाहते थे. 6 साल की उम्र में जेरेमी पिता के मार्गदर्शन में मुक्केबाजी की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी थी. लेकिन बाद में उन्होंने भारोत्तोलन को अपना करियर बनाया. मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने वजन उठाना शुरू कर दिया था. बाद में जेरेमी ने कोच विजय शर्मा से ट्रेनिंग ली. जेरेमी बाद में पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग शुरू की और 2016 से वो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया.
जेरेमी की उपलब्धि
जेरेमी लालरिनुंगा ने 2018 ब्यूनस आयर्स ग्रीष्मकालीन युवा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 62 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया. जेरेमी युवा ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने. इसके अलावा जेरेमी ने भारत के लिए एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2018 में रजत पदक जीता.