न्यूज़ डेस्क: शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। पंडित जेएनयू की पहली महिला कुलपति होंगी।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिये होगी।’ पिछले साल जेएनयू के कुलपति के तौर पर अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एम जगदीश कुमार कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे। कुमार को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पंडित वर्तमान में महाराष्ट्र में सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की कुलपति हैं।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने जेएनयू के कुलपति के तौर पर शांतिश्री धुलिपुड़ी की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिये होगी।’ पंडित ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत 1988 में गोवा विश्वविद्यालय से की और 1993 में पुणे विश्वविद्यालय चली गईं।
उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक निकायों में प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) की सदस्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए विकाटिर द्वारा नामांकित भी रही हैं।
अपने करियर में उन्होंने 29 शोधार्थियों को निर्देशित किया है। पिछले साल जेएनयू के कुलपति के तौर पर अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एम जगदीश कुमार कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे। कुमार को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पुणे यूनिवर्सिटी में पॉलिटिक्स और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन पढ़ाने वाली प्रफेसर पंडित का जन्म रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ। शुरुआती पढ़ाई मद्रास (अब चेन्नै) में हुई उसके बाद जेएनयू से एम.फिल में टॉप किया। फिर यहीं से पीएचडी भी की। 1996 में उन्होंने स्वीडन की उप्पसला यूनविर्सिटी से डॉक्टोरल डिप्लोमा हासिल किया। हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल जैसी छह भाषाओं में दक्ष प्रफेसर पंडित कन्नड़, मलयालम और कोंकणी भी समझ लेती हैं।
वह ऐसे समय में यूनिवर्सिटी की कमान संभाल रही हैं जब पूर्व कुलपति कुमार और छात्रों के एक वर्ग के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहे हैं। ऐसे में सभी विद्यार्थियों के साथ अच्छे संबंधों को बहाल करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक रहेगा।