न्यूज़ डेस्क: कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन के पहले और बाद में मास्क का उपयोग बहुत जरूरी है, साथ ही भीड़ से बचना भी बहुत जरूरी है. कोरोना के इलाज का गाइडलाइन अभी भी वही है जो पहले था. होम आइसोलेशन आज भी बहुत जरूरी और बेहतर उपाय है. उक्त बातें आज स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ बलराम भार्गव ने कही.
वैक्सीन इंफेक्शन से नहीं बचाता
डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि सभी वैक्सीन वे चाहे भारतीय हों, इजरायली, अमेरिकी, यूरोप, यूके या फिर चीन के हों, वे सभी रोग के खतरे को कम करते हैं. वैक्सीन इंफेक्शन से नहीं बचाता है. प्रिकॉशन डोज इंफेक्शन के खतरे को कम करेगा और अस्पताल में भरती होने और मौत के खतरे को कम करेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज यह जानकारी दी गयी कि सरकार 10 जनवरी से प्रिकॉशन डोज के लिए सीनियर सिटिजन को एसएमएस भेजेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश की आबादी की 90 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन की सिंगल डोज लग चुकी है.
ओमिक्रॉन के मामले 961 हुए
देश में अबतक ओमिक्रॉन के 961 केस सामने आये हैं. इनमें से 320 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. अभी आठ राज्यों में साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत है. जबकि 14 जिलों में संक्रमण दर 5-10 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले सप्ताह औसतन आठ हजार मामले प्रतिदिन के हिसाब से सामने आये हैं. देश में संक्रमण दर 0.92 प्रतिशत है. जबकि 26 दिसंबर से प्रतिदिन के हिसाब से 10 हजार केस सामने आये हैं.
पाबंदियां बढ़ायी गयी
गौरतलब है कि देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. कोरोना पाबंदियां बढ़ा दी गयी हैं, जिनके अनुसार शादी-विवाह और कार्यक्रमों के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. दिल्ली और महाराष्ट्र में स्थिति सबसे खराब है. दिल्ली में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है.