न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा का मुख्य मुकाबला उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से माना जा रहा है। अखिलेश यादव भी भाजपा को कड़ी चुनौती देते नजर आ रहे हैं। इन सबके बीच में तीसरे चरण के लिए 20 फरवरी को मतदान होने हैं। तीसरे चरण में यादव बेल्ट और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों में चुनाव होने हैं। अखिलेश यादव भी करहल सीट से पहली दफा विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मैनपुरी की करहल सीट पर भी तीसरे चरण में ही वोट डाले जाएंगे। आज अखिलेश यादव के प्रचार में उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी उतरे थे। 2022 के चुनाव के लिए पहली बार मुलायम सिंह यादव ने आज किसी सभा को संबोधित किया। 2017 के बाद से मुलायम सिंह यादव चुनावी सभा बहुत कम कर रहे हैं। 2017 और 2019 में कुछ जगह पर उन्होंने जरूर चुनाव प्रचार किया था। लेकिन 2022 में वह अब तक कहीं भी चुनाव प्रचार नहीं कर पाए हैं।
आज जैसे ही मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव के लिए प्रचार में आए, भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसना शुरू कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह भी आज करहल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। उन्होंने अखिलेश पर मुलायम सिंह यादव को प्रचार के लिए लाने को लेकर व्यंगात्मक लहजे में तंज कसा और कहा कि आगाज ऐसा है तो अंजाम क्या होगा? अमित शाह ने कहा कि मैंने अखिलेश यादव को टीवी पर कहते सुना था कि वह यहां नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सीधे 10 मार्च को आएंगे। लेकिन छठे दिन ही आ गए और कड़ी धूप में, इतनी आयु में मुलायम सिंह यादव को भी मैदान में उतरना पड़ा। इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि अब बताओ आगाज़ ऐसा है तो अंजाम क्या होगा? उन्होंने सवाल किया क्या कमल नहीं जीतेगा? इस सीट पर जीत को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए शाह ने मतदाताओं से पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि भाजपा 300 सीटें जीते तो करहल में जीत हासिल करें।
करहल से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है। अमित शाह ने कहा, केवल एक सीट 300 सीटों का काम कर सकती है, करहल में कमल को जीत दिलाएं और राज्य में सपा का सफाया हो जाएगा। बघेल के बारे में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, वह केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उनके पास एक अच्छा विभाग भी है। वह बघेल जातियों के एक बड़े नेता हैं, जब वे भाजपा में शामिल हुए तो उन्होंने सत्ता छोड़कर ऐसा किया। हमने उन्हें ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया, उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत गए, मोदी जी ने उन्हें मंत्री बनाया और उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की कोई आवश्यकता नहीं थी। शाह ने कहा कि उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि उप्र फिर से माफिया और गुंडों के हाथ में जाए। और इसलिए बघेल यहां से चुनाव लड़ने आए। वह उप्र की भलाई के लिए आए हैं। उन्हें भारी अंतर जिताना हैं। समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए, शाह ने आरोप लगाया कि उन्होंने इतने लंबे समय तक सरकार चलाई लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि 2014 में सत्ता में आने पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों, पिछड़ों की सरकार है और इस दिशा में पूरे समय काम किया।