न्यूज़ डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में मारे गए बदमाश विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने खुद पर दर्ज फर्जीवाड़े के मुकदमे को निरस्त करने की मांग की थी. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने ऋचा को राहत देने से इंकार कर दिया है और आत्मसमर्पण के लिए 7 दिन का समय दिया है.
नौकर की मर्जी के बगैर उसके सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के कारण ऋचा के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. 1 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एफआईआर करने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर की थी.
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में 2 व 3 जुलाई रात को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. वहीं, पुलिस की विवेचना में ज्ञात हुआ था कि नौकर की आईडी पर विकास की पत्नी ऋचा सिम लेकर इस्तेमाल कर रही थी.
जब पुलिस ने नौकर से सिम देने की बात पूछी तो पता चला कि उसकी बिना मर्जी के ही विकास की पत्नी ऋचा दुबे सिम इस्तेमाल कर रही थी. इस पर पुलिस ने नौकर के बयान के आधार पर ऋचा दुबे के खिलाफ फर्जीवाड़े का धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया.