न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. यूपी के चुनावी अखाड़े में बिहार के चार क्षेत्रीय दलों ने भी उतरने का मन बना लिया है. सभी ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ गठबंधन या अकेले चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है. चार क्षेत्रीय दलों में से तीन बिहार में एनडीए में शामिल हैं, जबकि उनमें से एक दल केंद्र और बिहार दोनों में बीजेपी की सहयोगी है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने एक बार फिर कहा कि वह अपने बड़े सहयोगी बीजेपी के साथ गठबंधन में यूपी चुनाव लड़ेगी. जबकि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा सेक्युलर (HAMS) ने स्पष्ट कहा है कि अगर किसी गठबंधन में सम्मानजनक सीटें नहीं दी जाती हैं तो वह अकेले ही चुनावी रण में जाना पसंद करेगी.
सीट बंटवारे पर सस्पेंस
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह यूपी में सीट बंटवारे के मुद्दे पर बीजेपी के साथ बातचीत कर रहे हैं.
यूपी विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अब तक अपना दल, संजय निषाद के नेतृत्व वाली निषाद पार्टी और जेडीयू के साथ सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं की है. माना जा रहा है कि इसी हफ्ते में बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देकर सब कुछ फाइनल कर देगी.
मांझी ने कुछ दिन पहले संवाददाताओं से कहा था, ‘हमने यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. अगर हमें किसी गठबंधन में सम्मानजनक सीटें मिलती हैं, तो ठीक है. यदि नहीं, तो हम अकेले लड़ेंगे.”
वीआईपी अकेले लड़ेगी चुनाव
वहीं, बिहार के मंत्री मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने खुलेआम कहा है कि वह यूपी चुनाव अकेले लड़ेगी और लगभग 165 मछुआरे बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
HAMS और वीआईपी (VIP) दोनों ही दल बिहार में बीजेपी के सहयोगी हैं. दोनों दलों ने NDA के हिस्से के तौर पर 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में क्रमशः सात और 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था. दोनों दलों ने चार-चार सीटें जीतीं और वर्तमान में बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली कैबिनेट का हिस्सा हैं. मुकेश खुद कैबिनेट मंत्री हैं, वहीं मांझी के बेटे संतोष सुमनबिहार में एससी/एसटी कल्याण मंत्री हैं.
चिराग पासवान भी नहीं देंगे साथ
उधर, जमुई के सांसद चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी- राम विलास ने शनिवार को कहा कि वह यूपी चुनाव में अकेले उतरेगी और अधिकतम 403 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की कोशिश करेगी. LJPRV केंद्र सरकार में एनडीए का हिस्सा है. जानकारी के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड की जल्द ही एक बैठक होने वाली है, जिसमें यूपी विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा.
वहीं, इसका दूसरा धड़ा यानी लोजपा- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) यूपी में एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेगी. आरएलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस खुद बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे, जो कि मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री भी है.