न्यूज़ डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद दौरे के दौरान समाजवादी पार्टी पर कड़ा हमला बोला। योगी ने कहा कि सपा ने पेशेवर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों और कैराना में पलायन के जिम्मेदार अपराधियों के अलावा मुजफ्फरनगर दंगों के अपराधियों को टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा ने अपने प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी की है उससे सपा का असली चेहरा खुलकर सामने आ गया है। योगी ने दावा कि जनता के आशीर्वाद से उनकी पार्टी आगामी 10 मार्च को प्रचंड बहुमत प्राप्त करेगी और फिर उनकी सरकार पूर्व की भांति गुंडों और पेशेवर अपराधियों पर टूटकर उन्हें वापस बिलों में पहुंचाएगी।
योगी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनकी सरकार ने गुंडों और पेशेवर अपराधियों के मन में भय पैदा कर प्रदेश की जनता को भयमुक्त वातावरण दिया था। लेकिन आज समाजवादी पार्टी का चेहरा खुलकर सामने आ चुका है। सपा ने कैराना से लेकर बुलंदशहर तक स्याना और लोनी में जिन प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं उससे सपा का असली चरित्र लोगों के सामने आ गया है। योगी ने कहा कि सपा ने जिस तरीके से कैराना में पलायन के जिम्मेदार और मुजफ्फरनगर दंगों के अपराधियों व पेशेवर अपराधियों को अपना प्रत्याशी बनाया है उसने सपा के असली चरित्र को प्रदेश और देश के सामने लाकर रख दिया है। घोषित किए गए प्रत्याशियों के माध्यम से सपा ने प्रदेश वासियों को बता दिया है कि उनकी मंशा क्या है।
पहली सूची से खुली सपाइयों की पोल
योगी आदित्यनाथ ने सपा पर प्रहार करते हुए कहा कि सपा ने अपने प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी की है उसने साबित कर दिया है कि उनका सामाजिक न्याय, गरीबों, दलितों, पिछड़ों और व्यापारियों और सम्मानित नागरिकों की संपत्ति पर कब्जा करने वाले पेशेवर अपराधियों को आगे बढ़ाने वाली अपनी प्रवृति से वह आज भी पीछे नहीं हैं। योगी ने सपा पर तंज कसा कि यह आदत जल्दी से सुधरती भी नहीं है। उन्होंने अपनी पहली सूची को सार्वजनिक करने से परहेज कर दिया है।
टेबल के नीचे से होगा सिंबल का लेन देन
योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि टेबल के नीचे से लेन.देन करने वाले अब सिंबल देने के लिए भी टेबल के नीचे से ही लेन.देन करेंगे। योगी ने कहा कि अगर प्रदेश की जनता जर्नादन का आशीर्वाद रहा तो भारतीय जनता पार्टी 10 जून को एक बार फिर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाएगी और इन गुंडों व पेशेवर अपराधियों पर वैसे ही टूटेगी जैसे पहले टूटकर इन्हें बिलों में घुसाया था। इस बार भी सरकार इन्हें बिलों में घुसाने का काम करेगी।